क्रांती की एक ऐसी लहर आई है
वर्षों की सोई हुई चेतना में
देखो आज प्राणप्रतिष्ठा लौट आई है
जन जन जागृत हुआ है, सबमें ऊर्जा आई है
क्या गाँव क्या शहर
क्रांती का देखो अनोखा स्वरुप
अब तो गली चौबारों में, ये क्रांती रंग लायी है
सशक्त भारत का निर्माण हो
भर्ष्टाचार की बेड़ियों से भारतवर्ष आज़ाद हो
नहीं जाने देंगे वीरों की कुर्बानियां व्यर्थ
हम करेंगे वीरों का स्वप्न सच
देखो भारतवासियों का अनोखा मिलन
क्रांती का ऐसा दीप किया है प्रज्जवलित
क्रांती की नयी सुबह आई है
इस क्रांती में है अपार शक्ती
देखो कैसे जागृत कर दी है देशभक्ती
बस अब हम और नहीं सह सकते
यूँ चुप नहीं रह सकते
अंतरात्मा करती है प्रश्न हज़ार
भारतवासियों ने एकता की अटल आवाज़ लगायी है
देखो ये क्रांती रंग लायी है
इस क्रांती में सच की शक्ती है
देश पे मर मिटने वाले वीरों की अजब भक्ती है
रोक ना सकेंगे दुश्मनों के व्यर्थ आर्थक प्रयास
नारों में है रघुपति राघव की अजब मिठास
बुझने से नहीं बुझेगी क्रांती की ये आग
क्यूंकि इस क्रांती में है अहिंसा का प्रभाव
मेरे देशवासियों की आत्मा और विश्वास!!!!
वन्दे मातरम्!!!!!!!
Wow Kya baat hai Manisha. Nice
ReplyDeleteI agree with you..............
Aur haan ye waqt ki maang hai
Rajeev...thxx soo much...fr being here....keep lookin will post more...:P
ReplyDeleteWonderful Manisha :)..
ReplyDeleteJust Remarkable!
Is karanti me sach ki shakti hai...
ReplyDeleteVery true...
Keep it up Manisha...
Simran...thx a lot baby.....:)
ReplyDeleteDear Shahin...
ReplyDeleteThx a lot...yes ye krraaanti jaroor rang laayegi....vande matram!!
Kuch din ka wo josh tha, Kuch din ka wo rosh tha,
ReplyDeleteKuch din ke liye khoon chala aur khoon chal ke ruk gaya…
Kuch pal ke wo jazbaat the, kuch pal ko aankhen nam thi,
Kuch pal ke liye khoon chala aur khoon chal ke ruk gaya…
Kuch aag lagi thi dil me, kuch aag lag ke bujh gayi,
Kuch awaaz uthi thi dil me aur awaaz uth kar dab gayi,
Kuch shabd dil ko chubh gaye, kuch dil cheer ke nikal gaye,
Kuch kar gujarne ko khoon chala aur khoon chalk ke ruk gaya…